नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताने वाला हूं डीएलएड चतुर्थ सेमेस्टर के संपूर्ण पाठ्यक्रम के बारे में जिसमें आपको डीएलएड चतुर्थ सेमेस्टर में आपको क्या-क्या पढ़ना है कौन-कौन से सब्जेक्ट आपको पढ़ते हैं और उन सब्जेक्ट से रिलेटेड कौन-कौन से टॉपिक आपको पढ़ते हैं जिनको हम लोग विस्तार से आज की इस पोस्ट में जानेंगे चलिए सबसे पहले जान लेते हैं आखिर चतुर्थ सेमेस्टर में हमारी कौन-कौन से विषय है और उनमें कौन-कौन से टॉपिक है और वह विषय हमारे कितने कितने नंबर के पूछे जाते हैं।
UP DELED 4th Semester Full Syllabus 2024-25
क्रम सं
विषय
अंक
1
आरंभिक स्तर
50
2
शैक्षिक प्रबंधन
50
3
विज्ञानं
25
4
गणित
25
5
सामाजिक विज्ञानं
50
6
हिंदी
25
7
शांति शिक्षा
25
8
अंग्रेजी
25
नोट-
यूपी डीएलएड की परीक्षा जो है हिंदी माध्यम में होती है।
यूपी डीएलएड में पास होने के लिए सभी विषय में काम से कम 50% अंक जरूर होने चाहिए।
डीएलएड में फेल पास के नियम क्या-क्या है।
देखिए दोस्तों सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि डीएलएड में फेल पास के नियम जानना आपके लिए बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है क्योंकि उसे आप एक अंदाजा लगा सकते हैं कि हां अगर आपके इतने नंबर से काम आए तो आपका बैक लग सकता है जैसे मैं आपको बता दूं कि जितने भी पेपर हमारे 50 नंबर के होते हैं उनमें आपको 25 नंबर अनिवार्य रूप से लाने ही लाने होते हैं वहीं पर अगर हम बात करें आपका पेपर अगर 25 नंबर का है तो उन पेरो में आपको 12 नंबर अनिवार्य रूप से लाने ही लाने होते हैं क्रमशः अगर 25 नंबर या 12 नंबर से आपके काम नंबर आते हैं तो आपका उसे संबंधित विषय में बैक लग जाता है।
साथ में आपको यह भी बता दे कि यदि आपका किसी तीन विषय में बैक लग जाता है तो आपका पूरा सेमेस्टर बैक माना जाएगा और आपको फिर से पूरा सेमेस्टर के परीक्षा देनी पड़ेगी यदि सिर्फ एक या दो विषय में बैक लगती है तो सिर्फ उन्हें विषय की परीक्षा देनी पड़ेगी जिम आपका बैक लगा है।
आरंभिक स्तर
पठन एवं लेखन का अर्थ एवं महत्व।
उद्देश्य।
उपयोगिता।
वर्ण, शब्द, वाक्य।
ध्वनि का अध्ययन।
स्वरों, व्यंजनों तथा व्यंजन समूहों को सुनकर समझना।
दिये गये निर्देश, सन्देश सुनाये गये वर्णन, कविता, कहानियों, लोकगीतों आदि में निहित भावा तथा विचारों को सुनकर समझना।
हिन्दी/अंग्रेजी की सभी ध्वनियों, स्वरों, व्यंजनों का शुद्ध उच्चारण।
लिपि की सभी ध्वनियों के लिपि संकेतों को पहचानकर शुद्ध रूप में पढ़ना।
पूर्णविराम, अर्द्धविराम, प्रश्नवाचक तथा विस्मय सूचक चिह्नों को पहचानते हुए एवं विषयवस्तु को अर्थ ग्रहण करते हुए पढ़ना।
विलोम, समानार्थी, तुकान्त, अतुकान्त तथा समान ध्वनिया वाले शब्दों को पहचानना एव पढ़ना।
लिपि संकेतों, स्वर: व्यंजन मात्राएँ, संयुक्त वर्णों को सुडौल तथा आकर्षक रूप में लिखना।
अनुनासिक ध्वनियों के लिपि संकेतों को शुद्धता के साथ लिखना।
संख्यापूर्व तैयारी एवं सम्बोध।
1 से 9 तक की संख्याओं को वस्तुचित्रों की सहायता से गिनना, पढ़ना, लिखना।
संख्याओं को क्रमबद्ध करना।
गणितीय संक्रियायें-जोडना, घटाना एवं शून्य का ज्ञान।
इकाई, दहाई तथा सैकड़े का ज्ञान।
शैक्षिक प्रबंधन
संस्थागत नियोजन एवं प्रबन्धन का अर्थ, आवश्यकता एवं महत्व ।
समुदाय (ग्राम शिक्षा समिति, विद्यालय प्रबंधन समिति, शिक्षक अभिभावक संघ, मातृशिक्ष संघ, महिला प्रेरक दल)।
वित्तीय प्रबन्धन (विद्यालय अनुदान, टी०एल०एम ग्रान्ट, विद्यालय को समुदाय से प्राप्त धन् विद्यालय की सम्पत्ति से अर्जित धन, ग्राम पंचायत निधि से / जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुदान)।
शैक्षिक प्रबन्धन (कक्षा-कक्ष प्रबन्धन, शिक्षण अधिगम सामग्री प्रबन्धन, लर्निंग कार्नर ए पुस्तकालय प्रबन्धन, पाठ्यपुस्तकें, कार्यपुस्तिकाएं, शिक्षक संदर्शिकाएं, शब्दकोश का प्रयोग ए।
समय प्रबन्धन (सारिणी का निर्माण व प्रयोग)।
एक या दो अध्यापकों वाले विद्यालयों हेतु समय सारिणी।
तीन या चार अध्यापको वाले विद्यालयों हेतु समय-सारिणी।
पाँच अध्यापक वाले विद्यालय हेतु समय सारिणी।
पाठ्यसहगामी क्रियाकलापों का प्रबंधन-खेलकूद, शैक्षिक कार्यक्रम (वाद-विवाद, निबन्ध आवि सांस्कृतिक कार्यक्रम, राष्ट्रीय पर्व, शैक्षिक भ्रमण, बागवानी, सत्रांत समारोह)।
सूचनाओं एवं अभिलेखों का प्रबन्धन (विद्यालयी सूचनाओं का संकलन, विश्लेषण ए अभिलेखीयकरण) ।
विद्यालय अभिलेख के प्रकार-
आपदा प्रबन्धन।
“प्रभावपूर्ण विद्यालय प्रबन्धन के सिद्धान्त- प्रजातान्त्रिक प्रबन्ध, आंकड़ों का वैज्ञानिक संग्रहप् लक्ष्य निर्धारण तथा योजना, आवधिक निरीक्षण, लचीलापन आदि।
विद्यालय प्रबन्धन में विभिन्न अभिकर्मियों की भूमिका-
प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं बच्चों (बाल सरकार) की भूमिका।
समुदाय, अभिभावक (ग्राम शिक्षा समिति, शिक्षक, अभिभावक संघ, मातृशिक्षक संघ मीना मंच) क भूमिका
पर्यवेक्षण तंत्र की भूमिका (ब्लॉक संसाधन केन्द्र के समन्वयक, न्याय पंचायत संसाधन केन्द्र ब प्रभारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, डायंट मेन्टर, जिला समन्वयक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ए उच्च अधिकारियों की भूमिका।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT)।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE)।
राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (NUEPA)।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS)।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद।
राज्य हिन्दी संस्थान।
मनोविज्ञानशाला।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी आदि।
जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि।
खण्ड शिक्षा अधिकारी।
एन०पी०आर०सी०।
बेसिक शिक्षा परिषद का गठन एवं कार्य।
बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972।
बेसिक अध्यापक शिक्षा सेवा नियमावली।
टी०ई०टी० नियमावली।
सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के सामान्य नियम व प्रावधान तथा विद्यालय स्तर पर दी जाने वाली सूचनाओं की जानकारी
विज्ञानं
जैव विकास, पारिस्थितिकी तन्त्र व उसके घटक (जैविक व अजैविक घटक), जैवि घटकों में खाद्य-श्रृंखला, खाद्य जल, परिस्थितिकीय पिरामिड।
खनिज एवं धातु अयस्क, धातु का निष्कर्षण, धातु तथा अधातु में अन्तर।
आवर्तसारणी की सामान्य जानकारी विद्युत ऋणात्मकता।
स्थिर विद्युत आवेश, विद्युत धारा, चुम्बकत्व।
रक्त की संरचना, रक्त वर्ग रक्त बैंक, रक्त आधान एवं सावधानियाँ।
रक्त पीड़ित/रक्त से सम्बन्धित सामान्य रोगों की जानकारियाँ।
एड्स व हेपेटाइटिस-वी की सामान्य जानकारी, कारण, लक्षण व बचाव के उपायों से अवगत कराना, सुरक्षा एवं प्राथमिक उपचार।
गणित
करणी, करणीगत राशि करणी चिन्ह तथा करणी का घातांक।
वर्ग, वर्गमूल, घन, घनमूल की अवधारणा।
किसी संख्या का वर्गमूल तथा दशमलव संख्या का वर्गमूल ज्ञात करना।
पूर्ण घन संख्याओं तथा पूर्ण घन दशमलव संख्याओं का घनमूल।
किसी सिक्के के उछालने पर चित या पट के ऊपर पड़ने की सम्भावना का सम्बोध।
किसी पाँसे को उछालने पर किसी एक फलक के ऊपर आने की संभावन।
दो या तीन सिक्कों को एक साथ फेंकने का प्रयोग।
दो पाँसों को एक साथ फेंकने को प्रयोग।
सम्भावनाओं का दैनिक जीवन से सम्बन्ध।
अवर्गीकृत आँकड़ों की माध्यिका एवं बहुलक की गणना।
त्रिकोणमितीय अनुपातों की अवधारणा तथा 0°, 30°, 45°, 60° तथा 90° के कोणो के त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात करना।
लम्बवृत्तीय बेलन तथा लम्बवृत्तीय शंकु की अवधारणा तथा इनका आयतन एवं सम्पूर्ण पृष्ठ।
वर्ग समीकरण = k के रूप वाले समीकरण का हल ax2 + bx + c = 0 का हल (गुणनखण्ड विधि से)।
दो अज्ञात राशि वाले रेखीय समीकरण (युगपत समीकरण)।
समलम्ब का क्षेत्रफल।
वृत्त की परिधि और व्यास में सम्बन्ध।
वृत्त का क्षेत्रफल।
चतुर्भुज का अर्थ, इसके विकर्ण, संलग्न भुजाएँ और सम्मुख भुजाएँ, सम्पुर तथा बाह्य कोणों का बोध।
चतुर्भुज के प्रकार-समलम्ब, समान्तर चतुर्भुज, समचतुर्भुज, आयत, वर्ग। इनके प्रगुणों का प्रायोगिक सत्यापन।
चक्रीय चतुर्भुज, चक्रीय बिन्दु की अवधारणा।
सामाजिक अध्ययन
1857 का प्रथम स्वाधीनता संग्राम तथा स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु प्रयास।
धार्मिक तथा समाज सुधार आन्दोलन-ब्रह्म समाज, प्रार्थना समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन, थियोसोफिकल सोसाइटी, मुस्लिम धार्मिक आंदोलन (सर सैय्यद अहम खॉ)।
भारत का राष्ट्रीय आंदोलन-इंडियन नेशनल कांग्रेस का जन्म, बंगभंग, रौलट एक्ट, जलियाँवाला बाग हत्याकांडद्र खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चौरी-चौरा काण्ड, काकोरी काण्ड, स्वराज्य दल, खिलाफत आंदोलन, बारदौली सत्याग्रह, नेहरू रिपोर्ट।
पूर्ण स्वतंत्रता की मांग- जिन्ना की चौदह शर्तें, सविनय अवज्ञा, आंदोलन, प्रथम गोलमेज सम्मेलन, गांधी इरविन समझौता, द्वितीय गोलमेज सम्मेलन, पूना पैक्ट, भारत छोड़ो आन्दोलन तथा स्वतंत्रता की प्राप्ति
भारत राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख उदार एवं उग्र राष्ट्रवादी नेताओं का योगदान-महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, गोपाल कृष्ण गोखले, दादाभाई, नौरोजी, सुभाष चन्द्र बोस, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय ।
जलवायु एवं मौसम में अन्तर एवं जलवायु को प्रभावित करने वाले तत्व । भारत के प्राकृतिक प्रदेश – बनावट, जनजीवन, कृषि, उद्योग-धन्धे, प्रमुख राज्य व नगर।
उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक प्रदेश – विस्तार, प्रमुख नगर, जनजीवन, उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जातियां एवं जनजातियां।
उत्तर प्रदेश की खनिज सम्पदा, शक्ति के साधन, कृषि और सिंचाई।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख आयात-निर्यात एवं उसका हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत- पुरातात्विक विरासत, कलाएं, मेले व त्यौहार, तीर्थस्थान, विरासत का संरक्षण ।
पर्यावरण प्रदूषण- अर्थ, प्रकार व रोकथाम।
संयुक्त राष्ट्रसंघ गठन, अंग, कार्य
जनगणना ।
नागरिक सुरक्षा।
सरकार की विभिन्न जनहित योजनाएं – भारत एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमा में चलायी जा रही स्वरोजगार योजनाएं।
गैर सरकारी संगठन (एन०जी०ओ०)।
विविधता में एकता, राष्ट्रीय एकता के प्रतीक।
आतंकवाद, सांप्रदायिकता तथा जातिवाद-अनुसूचित जाति एवं जनजातियों व संरक्षण हेतु संवैधानिक प्राविधान, भारत के शांति प्रयास- गुट निरपेक्षता की नीति पंचशील के सिद्धान्त संयुक्त राष्ट्रसंघ के माध्यम से भारत के शांति प्रयास
भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष प्रमुख चुनौतियां ।
गरीबी-जनसंख्या वृद्धि-जनसंख्या का घनत्व, माल्थस का जनसख्या सिद्धान्त जनसंख्या वृद्धि, आर्थिक विकास में बाधक, भारत में जनांकिकीय प्रवृत्तियों, जन्म एक मृत्यु दर, लिंग अनुपात, भारत की राष्ट्रीय जनसंख्या नीति ।
भारत में गरीबी के कारण, भारत में गरीबी रेखा, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम।
बेरोजगारी- प्रकार, बेरोजगारी उन्मूलन पर वर्तमान में सरकार द्वारा संचालित योजनाएं।
साक्षरता दर ।
भारत में खाद्य सुरक्षा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली- खाद्य सुरक्षा की समस्या, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का उद्देश्य व प्रसार, प्रारतीय खाद्य निगम, लक्षित सार्वजनिक वितरण योजना, एकीकृत बाल विकास योजनाएं (आई०सी०डी०एस०) दोपहर भोजन व्यवस्था (एम०डी०एम०) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक ।
भूमण्डलीकरण तथा सांख्यिकी- परिचय, आंकड़ों का प्रदशर्न व महत्व, समान्तर माध्य, माध्यिका, बहुलक।
हिंदी
अनिवार्य संस्कृत में अनुस्वार, हलन्त, विसर्ग आदि का ध्यान रखते हुए शुद्ध उच्चारण, वाचन एवं लेखन ।
पाठ्यपुस्तक के अतिरिक्त अन्य पाठ्यवस्तु को समझकर पढ़ना।
दिये गये अनुच्छेदों के शीर्षक लिखना।
उच्च प्राथमिक स्तर की पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित कविता, निबन्ध, कहानी, एकांकी, यात्रावृतान्त, जीवनी, आत्मकथा, पत्रलेखन, नाटक के लेखकों का सामान्य परिचय, उनका अध्ययन व अध्यापन कार्य।।
अनिवार्य संस्कृत के पाठों का अध्यापन। नीति. श्लोकों को कंठस्थ कराना।
संस्कृत के शब्द भंडार में वृद्धि हेतु कठिन शब्दों को चुनना, संकलन करना और वाक्य प्रयोग कराना।
शांति शिक्षा
शांति शिक्षा की अवधारणा, शांति के लिये शिक्षा की वर्तमान आवश्यकता।
शांति शिक्षा में भारतीय जीवन मूल्य, शान्ति कौशल, शान्ति अभिवृतिया ।
व्यक्तित्व एवं सामाजिक विकास व्यक्तित्व, का स्वरूप, विकास और निर्धारण आदत एवं स्वभाव (चित्तप्रवृत्ति) स्व जागरूकता व्यक्तित्व विकास में वातावरण का प्रभाव। व्यक्तित्व के 5 बड़े गुण खुलापन चैतन्यता बहिर्मुखता सहमतिजन्यता स्नायुविकृति व्यक्तित्व की सामाजिकता और शान्ति
सहपाठी के आन्तरिक सम्बंधों की समझ एवं आपसी सम्बंधो का विकास-
बच्चों के विकास में उसके साथियों की भूमिका
साथी के सम्बंधों की विशेषता
सामाजिक बोध
अक्रामकता
तकनीकी एवं साथी सम्बंध
साथी सम्बंधो में विविधता एवं सामाजिक बोध
स्वस्थ साथ-सम्बंधों को बढ़ावा
चरित्र एवं नैतिक शिक्षा, सामाज अनुकूल विकास, बच्चों के चरित्र निर्माण में माता-पिता तथा परिवार के सदस्यों का योगदान इसे अच्छा बनाने में कुशल शिक्षक का महत्व
व्यवहारवाद में उद्दीपन एवं अनुक्रिया शानित के लिए निर्माणकारी व्यवहार के प्रोत्साहन हेतु रणनीति अवांछित व्यवहार को सकारात्मक तरीके से हतोत्साहित करने की रणनीतियाँ सकारात्मक व्यावहारिक हस्तक्षेप और सहयोग
हिंसा क्या है और यह क्या करती है?
हिंसा के प्रकार, मौखिक, मनोवैज्ञानिक, शारीरिक, ढाचागत, लोकप्रिय, संस्कृति में अश्लीलता